चमोली: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्रकृति का प्रकोप जारी है। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई। बिनसर पहाड़ी की चोटी पर हुई इस घटना के बाद, फाली लगा कुंतरी, सैंती लगा कुंतरी और धुर्मा गांवों में भारी मलबा और पानी का सैलाब आ गया, जिसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
आपदा में 10 लोग लापता, 2 शव बरामद
इस भीषण आपदा में 10 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से 2 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 7 अन्य की तलाश अभी भी जारी है। राहत दल ने लगभग 16 घंटे बाद एक व्यक्ति को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। इस जलजले की चपेट में आने से 10 से अधिक आवासीय मकान पूरी तरह से ढह गए हैं।
मोक्ष गदेरा में उफान, 8 मकान बहे
तेज बारिश के कारण मोक्ष गदेरा भी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा, जिससे सेरा गांव में आठ मकान पूरी तरह से बह गए। गांवों में तबाही की खबर मिलते ही तत्काल NDRF, SDRF और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव अभियान में जुट गईं।
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पशुधन को भी भारी नुकसान
प्रभावित गांवों में बड़ी संख्या में मवेशियों के भी बहने की सूचना है, जिससे स्थानीय निवासियों को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार खुद अपनी टीम के साथ दिनभर प्रभावित क्षेत्र में मौजूद रहकर राहत कार्यों का जायजा लेते रहे।
ऐसे हुआ हादसा
स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार देर रात नंदानगर ब्लॉक में जोरदार बारिश शुरू हुई। रात करीब 2 बजे बिनसर पहाड़ी पर तेज बिजली कड़की और उसके तुरंत बाद पहाड़ी से भारी मलबा और पानी नीचे की ओर बह निकला। इस अचानक आई आपदा के बावजूद, बिजली कड़कने की आवाज सुनकर कई लोग सतर्क हो गए थे और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले गए, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान बच सकी।
