काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर भागीरथी नदी के किनारे स्थित है और यहाँ आने वाले श्रद्धालु भगवान् शिव की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी में दर्शन करने से श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और धार्मिक आस्था की अनुभूति होती है। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है, जो उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को आकर्षित करता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी (kashi vishwanath temple uttarkashi)
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी में सबसे पुराने और सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, जो कि भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। यह भौगोलिक क्षेत्र आसपास के पहाड़ों के साथ भागीरथी नदी का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। इसकी लोकप्रियता के कारण यह चार धाम यात्रा मार्गों का हिस्सा है, और तीर्थ यात्री दर्शनाभिलाषी भी होते हैं।
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Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi Guide - (काशी विश्वनाथ मंदिर यात्रा गाइड)
उत्तरकाशी शहर के मुख्यालय में स्थित यह मंदिर, गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए एक तीर्थस्थल है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास पूजा सामग्री बेचने वाली कई दुकानें हैं। तो अगर आप अपने साथ कोई भी पूजा का सामान नहीं लायें हैं तो भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
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आप आसानी से ताजे फूल और पूजा से संबंधित सामान मामूली कीमतों पर प्राप्त कर सकते हैं। यह उत्तरकाशी का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है और अगर आपको उत्तरकाशी या गंगोत्री की यात्रा करनी है तो इसे कदापि छोड़ नहीं सकते।
काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तरकाशी का इतिहास (History)
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहा जाता है कि इसे शुरू में भगवान परशुराम ने बनाया था और जिसे बाद में 1857 में सुदर्शन शाह की पत्नी महारानी श्रीमती खनेती द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। वर्तमान मंदिर का निर्माण पहले से मौजूद प्राचीन वेदी पर पारंपरिक हिमालयी मंदिर वास्तुकला के साथ 1857 ई. किया गया था।
किंवदंती है कि भगवान शिव इसे कलियुग के दूसरे निवास स्थान के रूप में मानते हैं। ऐसा मन जाता है कि जब काशी या वाराणसी पानी के नीचे डूब जाएगी तब भगवान काशी विश्वनाथ को उत्तरकाशी के इस मंदिर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
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ऐसा भी माना जाता है कि ऋषि मार्कंडेय को जब सोलहवां साल आरम्भ हुआ तो उनके माता-पिता उदास रहने लगे। पुत्र ने कई बार उनसे उनकी उदासी का कारण जानने का प्रयास किया। एक दिन महर्षि मार्कण्डेय ने बहुत जिद की तो उनके पिता महामुनि मृकण्डु ने बताया कि भगवान शंकर ने तुम्हें मात्र सोलह वर्ष की आयु दी है और यह आयु पूर्ण होने वाली है। इस कारण मुझे शोक हो रहा है।
इतना सुन कर ऋषि मार्कण्डेय ने अपने पिता जी से कहा कि आप चिंता न करें। मैं भगवान शंकर जी को मना लूँगा और अपनी मृत्यु को टाल दूंगा। इसके बाद वे घर से दूर एक जंगल में चले गए। वहां एक शिवलिंग स्थापना करके वे विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने लगे। निश्चित समय आने पर काल पहुंचा।
महर्षि ने उनसे यह कहते हुए कुछ समय माँगा कि अभी वह शंकर जी कि स्तुति कर रहे हैं। जब तक वह पूरी कर नहीं लेते तब तक प्रतीक्षा करें। काल ने ऐसा करने से मना कर दिया तो मार्कण्डेय ऋषि जी ने विरोध किया। काल ने जब उन्हें ग्रसना चाहा तो वे शिवलिंग से लिपट गए। इस सब के बीच भगवान् शिव वहां प्रकट हुए। उन्होंने काल की छाती में लात मारी। उसके बाद मृत्यु देवता शिवजी कि आज्ञा पाकर वहां से चले गए।
इसी कारण काशी विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग का कुछ झुकाव (अपनी धुरी पर एक तरफ से झुका हुआ) देखा जा सकता है।
Inside Kashi Vishwanath Temple - (काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर)
भगवान शिव यहाँ शिवलिंग के रूप में प्रकट हैं, जो पूरी मानवता के लिए उनके आशीर्वाद की वर्षा करते हुए गहन ध्यान में डूबे हुए हैं। यहां का शिवलिंगम 56 सेमी ऊंचाई का है और दक्षिण की ओर झुकाव है।
गर्भगृह में, देवी पार्वती और भगवान गणेश भी हैं। नंदी मंदिर के बाहरी कक्ष में है। साक्षी गोपाल और ऋषि मार्कण्डेय की छवि को ध्यान में यहां दर्शाया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी स्थान
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी उत्तरकाशी (उत्तरकाशी के मुख्य बाजार के पास) में स्थित है।
यह मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। मंदिर भागीरथी नदी के तट से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर एनएच 34 के पास, गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज और गवर्नमेंट इंटर कॉलेज के पास स्थित है। ऋषिकेश और देहरादून निकटतम रेलवे स्टेशन हैं जो उत्तरकाशी से मात्र 167 किलोमीटर दूर स्थित है, जबकि देहरादून में जॉली ग्रांट निकटतम हवाई अड्डा है जो 171 किलोमीटर (मसूरी रोड के माध्यम से) और 181 किलोमीटर (उत्तरकाशी से NH-34 के माध्यम से) स्थित है।
काशी विश्वनाथ मंदिर जाने का रास्ता - Google Map Location
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के निकट होटल (Nearby Hotels)
यद्यपि मंदिर परिसर शहर के केंद्र में स्थित है, किन्तु इसके निकटम कोई होटल उपलब्ध नहीं है, तथापि मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित होटल्स और आश्रम नीचे दिए गये हैं।
Hotels (होटल्स)
- GMVN Tourist Rest House
- Hotel KNB Heritage
- Bhandari Annexe
- Shivling Resort
- Monal Tourist Lodge
- Hotel Prosperity & Restaurant
Ashrams (आश्रम)
- Kailash Ashram
- Prahalad Ashram
- Adi Shankara Brahma Vidya Peeth
- Rudravas Ashram
- Yoga Vidya Gurukulam Uttarkashi Himalaya
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