भारी बारिश से उत्तरकाशी में बड़ा हादसा: घर की दीवार ढही, एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

भारी बारिश से उत्तरकाशी में बड़ा हादसा: घर की दीवार ढही, एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

उत्तरकाशी (उत्तराखंड) । उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर तबाही मचाई है। उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक स्थित ओडाटा गांव में शुक्रवार तड़के भारी बारिश के चलते एक घर की दीवार गिर गई, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। मरने वालों में माता-पिता और उनके दो छोटे बच्चे शामिल हैं।


घटना सुबह लगभग 2 बजे की बताई जा रही है, जब परिवार के सदस्य गहरी नींद में थे। तभी तेज बारिश के साथ भूस्खलन हुआ और पहाड़ी से गिरे मलबे ने मकान की पिछली दीवार को पूरी तरह ढहा दिया। मलबे के नीचे दबकर 26 वर्षीय गुलाम हुसैन, उनकी 23 वर्षीय पत्नी रुक्मा खातून, तीन वर्षीय बेटा अबीद और दस माह की बेटी सलमा की मौके पर ही मौत हो गई।


SDRF की टीम ने निकाले शव

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और SDRF की टीम मौके पर पहुंची। टीम को ग्रामीणों की मदद से पहाड़ी रास्तों के जरिए घटनास्थल तक पहुंचना पड़ा क्योंकि गांव सड़क से करीब एक किलोमीटर ऊपर स्थित है और वहां पहुंचने के लिए पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। राहत और बचाव कार्य के दौरान चारों शव मलबे से निकाले गए।


घर में और सदस्य भी थे  मौजूद

मृतकों के परिजन – गुलाम हुसैन के माता-पिता – भी उसी घर में मौजूद थे लेकिन वे एक अन्य कमरे में सो रहे थे। हादसे में उन्हें हल्की चोटें आई हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।


प्रशासन ने की मुआवज़े की घोषणा

उत्तराखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से कुल 16 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिला प्रशासन ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। स्थानीय प्रशासन ने इलाके में और मकानों के लिए सुरक्षा संबंधी जांच शुरू कर दी है।


पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ा खतरा

राज्य आपदा परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, इस वर्ष 1 जून से अब तक भारी बारिश से राज्य में कम से कम 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 7 से अधिक घायल हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक लगातार बारिश से पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और ज़मीन धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे जान-माल का खतरा कई गुना बढ़ गया है।


स्थानीय लोगों में डर का माहौल

ओडाटा गांव के लोगों में इस घटना के बाद भय और चिंता का माहौल है। गांववासी अब सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को पहले से ही संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना चाहिए।


क्या है विशेषज्ञों की राय?

भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अनियोजित निर्माण और जल निकासी की असंतुलित व्यवस्था इस तरह की घटनाओं का प्रमुख कारण बन रही है। सरकार को चाहिए कि संवेदनशील इलाकों में रहने वाले परिवारों के पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

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