Haj Subsidy Explained: हज सब्सिडी क्या है?

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मुस्लिम समुदाय के तीर्थस्थल | ThePinkCityPost |
हर साल लाखों मुस्लिम सऊदी अरब हज यात्रा के लिए जाते हैं। मुस्लिम समुदाय के तीर्थस्थल मक्का और मदीना को बहुत पाक और पवित्र माना जाता है। इसी तीर्थ यात्रा को हज यात्रा कहते है। यह यात्रा इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है, साथ ही यह एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे अपने जीवनकाल में हर मुस्लिम को कम से कम एक बार पूरा करना अनिवार्य होता है, चाहे वो स्त्री हो या पुरुष। इस यात्रा को करने के लिए शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम होना भी जरूरी है। हज यात्रा के लिए भारतीय सरकार कुछ सब्सिडी दिया करती थी लेकिन अब इसको खत्म कर दिया गया है.
हज सब्सिडी क्या है?
भारतीय मुसलामानों को हर साल केंद्र सरकार द्वारा हज यात्रा करने के लिए सब्सिडी दी जाती थी। जिसके तहत फ्लाइट में जाने वाले हज यात्रियों को सरकार किराए में छूट दिया करती थी। तीर्थ यात्री भारतीय हज कमिटी में आवेदन करते थे और यह रियायती किराया कमेटी के द्वारा ही दिया जाता था।
केंद्र सरकार यह सब्सिडी एयर इंडिया को देती थी, परन्तु अब केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है और इस पैसे को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करने का फैसला लिया है। सरकार ने 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावक के कम से कम चार लोगों के समूह में हज यात्रा करने की इजाजत भी दी है।
क्या आप जानते हैं कि इस सब्सिडी को ब्रिटिश काल से ही दीया जा रहा था। आजादी के बाद मुस्लिम आबादी को देखते हुए हज कमिटी एक्ट 1959 के तहत इस यात्रा को मुसलमानों के लिए सुविधाजनक बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट का हज सब्सिडी को लेकर फैसला
हज सब्सिडी की सुविधा गरीब मुसलमानों को ना मिलता देख सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में कहा कि हज सब्सिडी को 2022 तक पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इस आदेश में कहा गया कि यह सब्सिडी न केवल असंवैधानिक है बल्कि कुरान की शिक्षाओं के अनुरूप भी नहीं है।
सेंट्रल हज कमिटी के अनुसार
2017 में सेंट्रल हज कमिटी ने कहा कि 2018 तक 700 करोड़ की हज सब्सिडी को पूरी तरह खत्म कर शैक्षिक कार्यक्रम में लगाया जाएगा, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की शिक्षा पर।
हज सब्सिडी कब और कैसे शुरू हुई थी?
जब तेल निर्यातक देशों के संगठन OPEC का 1960 में गठन हुआ तब ईंधन का खर्च बढ़ गया था। जब हज यात्री 1973 में समुद्री मार्ग से जा रहे थे तभी एक भयंकर हादसा हुआ था जिससे कई जानें गई थी। इन हादसों को देख कर इंदिरा गाँधी की सरकार ने हवाई सब्सिडी की शुरुआत की थी। जिससे हज यात्रियों को सुरक्षित और कम दामों में हवाई मार्ग से हज पर पहुंचाया जा सके।
हज कमेटी ऑफ इंडिया ने सरकारी हज की दो कैटिगरी निर्धारित की है: ग्रीन और अजीजिया. ग्रीन कैटिगरी महंगी होती है और अजीजिया कैटिगरी ग्रीन कैटिगरी से लगभग 35 हज़ार कम होती है। हवाई जहाज के किराये की वजह से हर राज्य का खर्च अलग-अलग होता है. परन्तु खाने-पीने पर हाजियों को खुद ही खर्च करना पड़ता है। हाजियों को हज यात्रा पे जाने के लिए करीब 8 महीने पहले पैसे जमा कराने पढ़ते है और हज के फॉर्म को भरना पढ़ता है जिसकी कीमत 300 रूपये होती है।
इस लेख से ज्ञात होता है कि हज सब्सिडी भारतीय मुसलमानों को हज यात्रा के लिए हवाई जहाज मे रियायत देना था परन्तु अब इसको भारतीय सरकार ने खत्म कर दिया है ताकि इस सब्सिडी के रुपयों को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर लगाया जा सके।
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