उत्तराखंड मौसम अपडेट: मार्च की गर्मी ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, देहरादून में 36 डिग्री पहुंचा तापमान

Ankit Mamgain
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गर्मी
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 राजधानी देहरादून में मार्च की गर्मी ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को दून में अधिकतम तापमान 36 डिग्री के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया। पिछले दस वर्षों में पहली बार मार्च में अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक पहुंचा है। इससे पहले 2017 में मार्च के महीने में तापमान 35.9 डिग्री रहा था। मार्च में सबसे गर्म दिन 28 मार्च 1892 रहा था। तब तापमान 37.2 डिग्री तक पहुंच गया था। 



मंगलवार को राजधानी दून और आसपास के इलाकों में सुबह से ही तेज धूप खिली रही। दोपहर तक गर्मी काफी अधिक बढ़ गई। दोपहर बाद गर्मी और उमस के कारण लोगों को परेशानी भी होने लगी। तेज धूप के कारण लोग पसीना-पसीना हो गए। गर्मी बढ़ने के कारण मंगलवार को लोगों ने इस साल पहली बार पंखे और एसी का इस्तेमाल किया। दोपहर बाद गर्मी बढ़ने के चलते लोगों को पंखा और एसी चलाना पड़ा। इससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। शाम और रात को भी तापमान काफी अधिक रहा। न्यूनतम तापमान भी 17 डिग्री से अधिक रहा।



भारत-चीन सीमा: कई जगह पसरे 40 फुट लंबे ग्लेशियर, बर्फ हटाने में दिन रात जुटी टीम, तस्वीरें... 


मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अब तापमान में लगातार बढ़ोतरी होगी। अगले कुछ समय में अधिकतम तापमान 35 डिग्री के स्तर को पार कर सकता है। उन्होंने बताया कि अब रात के तापमान में भी इजाफा होगा और गर्मी बढ़ेगी। 

वर्षवार मार्च माह का सर्वाधिक तापमान

वर्ष    अधिकतम तापमान

2020-    30.1

2019-    34.6

2018-    33.7

2017-    35.9

2016-     34.6

2015-     32.7

2014-      31.2

2013-      31

2012-      34

2011       31.7

माणापास सड़क बर्फबारी के कारण बंद

भारत-चीन सीमा सड़क को खोलने के लिए बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) इन दिनों दिन रात जुटा हुआ है। सड़क पर आए भारी भरकम ग्लेशियरों को हटाने के लिए जेसीबी और मजदूर जुटे हुए हैं।


सर्दियों में चीन सीमा को जोड़ने वाली माणापास सड़क बर्फबारी के कारण बंद हो जाती है, जिसे खोलने के लिए बीआरओ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इन दिनों बीआरओ की टीम सड़क पर जमी बर्फ को हटाने का काम कर रही है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि सड़क पर कई जगह 40 फीट तक के ग्लेशियर टूटकर आए हुए हैं। सोमवार को होली खेलने के बाद बीआरओ के मजदूर फिर बर्फ हटाने में जुट गए।


कई जगह पर आए ग्लेशियरों को हटाया जा चुका है, जबकि बलवान नाले के पास अभी भी 40 फीट लंबा ग्लेशियर जमा है, जिसे काटकर मार्ग बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले बीआरओ की टीम मलारी हाईवे को नीती गांव तक खोल चुकी है।

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