नैनीताल, उत्तराखंड (Oct 20, 2025): उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल ज़िले में लंबे समय से अटके पंगोट-देचौरी मोटरमार्ग के निर्माण को अंतिम स्वीकृति दे दी है। इस 18 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना से नैनीताल के समीपवर्ती पंगोट से कोटाबाग क्षेत्र तक के कई दूरस्थ गांवों के निवासियों और काश्तकारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) को इस सड़क निर्माण के लिए वन विभाग और शासन दोनों से हरी झंडी मिल गई है। अब विभाग को केवल ₹8 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का आधिकारिक शासनादेश जारी होने का इंतजार है।
परियोजना का महत्व और लाभ
इस मोटरमार्ग के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। लोनिवि अधिशासी अभियंता रत्नेश कुमार सक्सेना ने बताया कि सड़क कटिंग का कार्य शासनादेश जारी होते ही निविदा प्रक्रिया (टेंडर) पूरी कर शुरू कर दिया जाएगा।
आर्थिक विकास और पर्यटन:
- काश्तकारों को लाभ: सड़क जुड़ने से क्षेत्र के अधिकांश लोगों की आजीविका का मुख्य आधार—खेती—आसान हो जाएगी। काश्तकारों की पहुंच नजदीकी मंडियों (कोटाबाग और रामनगर) तक सीधी और सरल हो जाएगी। अभी उन्हें नैनीताल या हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है।
- पर्यटन को बढ़ावा: यह सड़क दिल्ली और अन्य शहरों से आने वाले पर्यटकों के लिए नैनीताल पहुंचने का एक नया और छोटा मार्ग खोलेगी।
- वाहनों का दबाव कम: पर्यटक अब रामनगर-कालाढूंगी के बजाय कोटाबाग होते हुए नैनीताल पहुंच सकेंगे, जिससे कालाढूंगी मार्ग पर पर्यटक वाहनों का अत्यधिक दबाव कम होगा।
एक दशक पुराना प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट मूल रूप से 2013 में स्वीकृत हुआ था। लोनिवि ने पहले चरण में पंगोट की ओर से पांच किलोमीटर सड़क कटिंग और डामरीकरण का काम पूरा कर लिया था, लेकिन इससे आगे का निर्माण वन भूमि के कारण एक दशक से अटका हुआ था।
अधिशासी अभियंता सक्सेना ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए ₹8 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। शेष ₹4.44 करोड़ के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद अब शासन की स्वीकृति मिल गई है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही शासनादेश जारी हो जाएगा।
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