देहरादून, उत्तराखंड (Oct 20, 2025) : उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बदरीनाथ और केदारनाथ में दीपावली का त्योहार सोमवार को धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा। इस दीपोत्सव के लिए दोनों धामों को लगभग 15 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है।
बदरीनाथ धाम में दीपावली पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां मंदिर को अकेले 12 क्विंटल गेंदे के फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मंदिर को गेंदे के साथ-साथ गुलाब और अन्य फूलों की कलाकृतियों से अंतिम रूप दिया गया है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि मंदिर परिसर के साथ ही धाम के मुख्य मार्गों को भी दीपों से सजाया गया है। यह दीपोत्सव बीकेटीसी द्वारा तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों, जिनमें डिमरी केंद्रीय पंचायत, मेहता, भंडारी और कमदी शामिल हैं, के सहयोग से मनाया जाएगा।
विशेष पूजा अनुष्ठान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बदरीनाथ धाम में दीपावली के दिन भगवान बदरीविशाल के खजाने की विशेष पूजा की जाती है। इस दौरान माता लक्ष्मी और कुबेर जी की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पुष्टि की कि 20 अक्तूबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन मंदिर परिसर में स्थानीय निवासियों के साथ-साथ दर्शन के लिए आए श्रद्धालु भी दीपक प्रज्जवलित करेंगे।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि फूलों की व्यवस्था मुंबई के एक श्रद्धालु द्वारा की गई है, और मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है।
केदारनाथ: स्वर्ण छत्र उतारा गया
केदारनाथ धाम में जहां मंदिर को तीन क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है, वहीं कपाट बंद होने की आगामी प्रक्रिया के तहत एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान भी पूरा किया गया है।
केदारनाथ मंदिर में रविवार को गर्भगृह से स्वयंभू शिवलिंग के ठीक ऊपर स्थापित सोने का छत्र और कलश उतार दिया गया। कपाट बंद होने से पहले यह प्रक्रिया भकुंट भैरव की आज्ञा लेने के बाद पंचपंडा रुद्रपुर के हक-हकूकधारियों द्वारा संपन्न की गई।
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद आज सोमवार से भगवान केदारनाथ की आरती बिना किसी शृंगार के और सूक्ष्म रूप से की जाएगी।
इस दौरान मुंबई, गुजरात और सिलीगुड़ी समेत देश के विभिन्न हिस्सों से बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने फूलों से सजे मंदिर के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया और इसे 'भव्य और आकर्षक' बताया।
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