देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। अब छोटे कारोबार शुरू करने के इच्छुक युवाओं और अन्य लोगों को वर्तमान की तुलना में चार गुना अधिक तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए सरकार ने वर्तमान में चल रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म (नैनो) योजना को मिलाकर एक नई नीति का प्रस्ताव तैयार किया है। इस नई नीति के तहत छोटे व्यवसायों के लिए ऋण की सीमा को वर्तमान के 50 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव है। उम्मीद है कि आगामी कैबिनेट बैठक में इस नई मुख्यमंत्री स्वरोजगार नीति पर मुहर लग जाएगी।
New Swarojgar Yojana: छोटे व्यवसायों को मिलेगा बड़ा सहारा
प्रदेश सरकार का यह निर्णय छोटे स्तर पर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत और प्रोत्साहन साबित होगा। ऋण की सीमा में यह महत्वपूर्ण वृद्धि उन्हें अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से स्थापित करने और उसे आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
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Mukhyamantri Swarojgar Yojana और नैनो योजना का समायोजन
कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) और मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना (नैनो) शुरू की थी। एमएसवाई योजना के तहत विनिर्माण, सेवा और व्यापार क्षेत्रों में 10 लाख से 25 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर 15 से 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।
वहीं, नैनो योजना में छोटे व्यवसायों के लिए 50 हजार रुपये तक के ऋण पर 25 से 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उद्योग विभाग ने इन दोनों योजनाओं को समायोजित करते हुए एक नई और अधिक प्रभावी मुख्यमंत्री स्वरोजगार नीति का प्रस्ताव तैयार किया है। इस नई नीति का मुख्य लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 50 हजार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना है।
प्रस्तावित नई नीति में सब्सिडी का प्रावधान
प्रस्तावित नई नीति में निवेश क्षेत्र की श्रेणी और प्रोजेक्ट लागत के आधार पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जो इस प्रकार है:
निवेश क्षेत्र की श्रेणी | दो लाख तक (प्रोजेक्ट लागत) | दो से 10 लाख (प्रोजेक्ट लागत) | 10 से 25 लाख तक (प्रोजेक्ट लागत) |
---|---|---|---|
ए व बी श्रेणी के क्षेत्र | 30 प्रतिशत | 25 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
सी व डी श्रेणी के क्षेत्र | 25 प्रतिशत | 20 प्रतिशत | 15 प्रतिशत |
महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन
नई नीति में महिला लाभार्थियों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है और उनके लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों और नगर पंचायत क्षेत्रों में स्वरोजगार शुरू करने, साथ ही 'एक जिला दो उत्पाद' (ODOP) या भौगोलिक संकेतक (GI) चिह्नित उत्पादों का विनिर्माण करने पर भी अतिरिक्त सब्सिडी का लाभ मिलेगा। यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Mukhyamantri Swarojgar Yojana से हजारों को मिला रोजगार
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 से जनवरी 2025 तक 31,715 लोगों को विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया है। स्वरोजगार अपनाने के कारण इन व्यवसायों में 95 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा, नैनो योजना के तहत छोटे व्यवसायों के लिए 4,658 लाभार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार की स्वरोजगार योजनाएं प्रदेश में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
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नई नीति से स्वरोजगार को मिलेगी और गति
उद्योग सचिव विनय शंकर पांडेय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार और नैनो योजना को मिलाकर एक नई नीति का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वर्तमान में इस नीति पर शासन स्तर पर गहन परीक्षण किया जा रहा है।
नई नीति में छोटे कारोबार के लिए ऋण सीमा को बढ़ाने पर विशेष विचार किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस नीति को चर्चा और अनुमोदन के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। इस नई नीति के लागू होने से प्रदेश में स्वरोजगार को और अधिक गति मिलने की संभावना है, जिससे न केवल बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।