कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है! कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा से हुए सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार मामले में जहां एक ओर पूरे देश में आक्रोश है, वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दिग्गज विधायक मदन मित्रा के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया है। उनके बयान ने पीड़िता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके बाद भाजपा समेत तमाम विपक्षी दल उन पर हमलावर हो गए हैं।
क्या कहा मदन मित्रा ने, जिससे मचा बवाल?
घटना के बाद जब मदन मित्रा से सवाल किया गया, तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा, "अगर वो लड़की वहां नहीं जाती तो ये घटना नहीं होती। अगर वो जाने से पहले किसी को बताती या अपने साथ कुछ दोस्तों को ले जाती तो ये घटना नहीं होती।"
यह बयान सीधे तौर पर पीड़िता को ही जिम्मेदार ठहराने वाला माना जा रहा है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
टीएमसी ने झाड़ा पल्ला, लेकिन सवाल बरकरार!
विवाद बढ़ता देख तृणमूल कांग्रेस ने तुरंत मदन मित्रा के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि ये उनके "निजी विचार" हैं और पार्टी की "शून्य-सहिष्णुता" की नीति है।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह केवल डैमेज कंट्रोल की कोशिश है और टीएमसी ऐसे संवेदनशील मामलों में पहले भी असंवेदनशील बयान देती रही है।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का भी आया था ऐसा ही बयान!
इससे पहले, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी इसी मामले पर एक और विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "अगर एक दोस्त अपने दोस्त के साथ बलात्कार करता है, तो आप सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं?
क्या विद्यालयों में पुलिस होगी?" इन बयानों ने महिला सुरक्षा पर पार्टी के रुख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है कोलकाता गैंगरेप मामला?
यह मामला कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज का है, जहां 24 वर्षीय कानून की छात्रा से 25 जून को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में तीन लोगों – पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा (जिसे टीएमसी छात्र परिषद से भी जुड़ा बताया जा रहा है), और दो जूनियर छात्र प्रमोद मुखर्जी और जैब अहमद – पर आरोप लगाया है।
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड भी पकड़ा गया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
भाजपा का तीखा हमला: "टीएमसी का असली चेहरा!"
भाजपा ने इस मामले पर टीएमसी सरकार को जमकर घेरा है। भाजपा के नेताओं ने मदन मित्रा और कल्याण बनर्जी के बयानों को "पीड़िता को दोषी ठहराने वाला" और "घिनौना" बताया है। भाजपा का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा दांव पर है और टीएमसी अपराधियों को संरक्षण दे रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति भी गठित की है।
जनता में उबाल, सोशल मीडिया पर आक्रोश!
मदन मित्रा के बयान के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। #ShameOnTMC और #JusticeForKolkataStudent जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग नेताओं की ऐसी मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
यह देखना होगा कि इस गंभीर मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और टीएमसी अपने नेताओं के बयानों पर क्या रुख अपनाती है। लेकिन एक बात साफ है, इस मामले ने पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा और राजनीतिक बयानों के स्तर पर बड़ी बहस छेड़ दी है।
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