नैनीताल: शांत माने जाने वाले नैनीताल शहर में बुधवार रात अचानक सांप्रदायिक तनाव फैल गया। एक बुजुर्ग ठेकेदार पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप के बाद शहर की सड़कें लगभग तीन घंटे तक अशांत रहीं। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिससे बाजार बंद हो गया और इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
यह सारा बवाल बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुआ, जब शहर में यह खबर आग की तरह फैली कि उस्मान नाम के एक बुजुर्ग ठेकेदार ने एक छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया है। इस सूचना के फैलते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और बड़ी संख्या में लोग मल्लीताल की सड़कों पर जमा हो गए।
आक्रोशित भीड़ ने जल्द ही मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों पर हमला बोलना और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। जो भी विरोध करने की कोशिश कर रहा था, उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।
शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए बाजार तुरंत बंद कर दिया गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। प्रदर्शनकारी आरोपी उस्मान को उन्हें सौंपने की मांग करते हुए मल्लीताल कोतवाली (पुलिस स्टेशन) के बाहर जमा हो गए। भीड़ आरोपी को लॉकअप से बाहर निकालने पर अड़ी थी और उन्होंने कोतवाली के बाहर ही धरना शुरू कर दिया।
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने उत्तेजित होकर "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे भी लगाए। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब कुछ लोगों ने एक धार्मिक स्थल के दरवाजे पर पत्थरबाजी की। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया। इस हंगामे में कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
उग्र भीड़ ने गाड़ी पड़ाव बाजार में खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया और उन्हें गिरा दिया। दुकानों के बाहर रखा सामान भी इधर-उधर फेंक दिया गया। इसके अतिरिक्त, कई घरों पर भी ईंट-पत्थर फेंके गए, जिससे उनके शीशे टूट गए। पुलिस ने बाद में इस इलाके से उपद्रवियों को खदेड़ा।
अराजकता का यह तांडव लगभग एक किलोमीटर के दायरे में फैला रहा। कोतवाली और गाड़ी पड़ाव के बीच उग्र लोग कई बार आते-जाते रहे और पत्थरबाजी करते रहे। पुलिस एक जगह से भीड़ को हटाती, तो वे दूसरी जगह इकट्ठा हो जाते थे, जिससे स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था।
गाड़ी पड़ाव में घरों पर पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद स्थानीय लोग दहशत में आ गए। वहां रहने वाले परिवार खिड़कियों से पत्थर न फेंकने की गुहार लगाते रहे। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो भीड़ वहां से भाग गई।
पुलिस के अनुसार, दुष्कर्म की शिकार हुई बच्ची की मां किसी रिश्तेदार के यहां गई हुई थी, जबकि उसके पति और बच्चे घर पर ही थे। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि घर के कामकाज के लिए तीन दिन पहले उस्मान ने बच्ची को अपने घर बुलाया था और उसे 200 रुपये भी दिए थे।
अगले दिन वह उसे अपनी कार में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने बच्ची को शहर की एक प्रमुख सड़क पर उतार दिया और फरार हो गया। जब बच्ची के घरवालों को इस घटना की जानकारी हुई, तो उन्होंने बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
कोतवाली के सामने धरना दे रहे विभिन्न संगठनों ने घोषणा की है कि गुरुवार को नैनीताल बाजार पूरी तरह से बंद रहेगा। उन्होंने सभी व्यापारियों से अपनी दुकानें बंद रखने का आह्वान किया है।
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी क्राइम, डॉ. जगदीश चंद्रा ने कहा, "बालिका से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मुकदमा दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। मामले को लेकर लोगों में आक्रोश है। पुलिस शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है और आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुला लिया गया है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।"