Dehradun News: उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती आयु सीमा बढ़ाने हेतु बेरोजगार संगठन का प्रदर्शन, युवाओ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

Editorial Staff

Dehradun News: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जहां पूरे राज्य भर में उत्सव मनाया गया वहीं, देहरादून के गांधी पार्क में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पँवार की अध्यक्षता में युवाओं ने सैकड़ों की संख्या में एकजुट होकर उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती आयु सीमा तत्काल  बढ़ाए जाने की मांग की। 

युवाओं की  इस विशाल भीड़ ने अपनी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने हेतु सीएम आवास कूच करने का निर्णय लिया। युवाओं द्वारा मांगे पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस दौरान पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात रही। 

Dehradun News: उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती आयु सीमा बढ़ाने हेतु बेरोजगार संगठन का प्रदर्शन,  युवाओ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड बेरोजगार संघ युवाओं द्वारा राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में आंदोलन - फोटो UHN


क्या है उत्तराखंड बेरोजगार संघ की मांग?

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पँवार ने अपने वक्तव्य में कहा की इस पुलिस भर्ती में आयु सीमा 18-22 वर्ष रखी गई है, जबकि आरक्षण प्राप्त करने के पश्चात भी 2013-2017 तक इन्टरमीडिएट की परीक्षा पास की उनके लिए कोई भर्ती नहीं आई। क्योंकि 2014 में जो भर्ती आयी थीं उसे बहुत सारे अभ्यर्थी नहीं भर पाए थे, उसके बाद 2019 में भर्ती आयी।  


जिससे बहुत सारे युवा जो पुलिस बल जॉइन करना चाहते थे, वो आयु सीमा के चलते इन भर्तियों में सम्मिलित नहीं हो पाये। अतः हाल ही में जारी 200 पदों की पुलिस कांस्टेबल भर्ती में युवाओं की आयु सीमा बढ़ायी जानी चाहिए।  

बेरोजगार संघ की दूसरी मांग है, की RTI की जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में 4000 पुलिस की वैकन्सी खाली हैं, जबकि भर्ती सिर्फ 2000 पुरुष अभ्यर्थियों के लिए निकली है। अतः प्रदेश की महिलाओं के लिए भी न्यूनतम 500 पदों पर विज्ञापन जारी किया जाये। 

इस प्रकार उत्तराखंड बेरोजगार संघ की दो मुख्य मांग हैं:
  1. पुरुष अभ्यर्थियों की आयु सीमा बढ़ाकर 25-28 वर्ष कर दी जाए 
  2. महिला वर्ग के लिए भी 500 पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी किया जाए 

युवाओं ने किया करो या मारो रैली ऐलान 

शनिवार को देहरादून में युवा विभिन्न जिलों से सम्मिलित हुए जिसमें न केवल गढ़वाल से बल्कि कुमाऊं के दूर दराज क्षेत्रों से भी युवाओं ने प्रतिभाग किया। सैकड़ों की संख्या में जमा होकर युवाओं ने मांग पूरी न होने पर करो या मरो रैली का ऐलान किया और आंदोलन के उग्र होने की चेतावनी दी। 


युवाओं द्वारा उनके भविष्य को लेकर प्रदेश भर में आए दिन प्रश्न चिन्ह लगा रहता है। कभी प्रश्नपत्र लीक हो जाता है तो कभी भर्तियाँ सालों से अधर में लटक जाती हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह का कार्यकाल युवाओं के लिए एक अभिशाप रहा जिसमे 4 वर्षों तक कोई भर्ती नहीं निकली। 

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संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल के अनुसार प्रदेश DGP श्री अभिनव कुमार के आश्वासन पर उन्होंने आठ नवंबर तक कोई प्रदर्शन नहीं किया था किन्तु अब यदि युवाओं की आवाज को दबाया जाएगा तो उग्र करो या मारो रैली का आयोजन होगा। 

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