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| मसूरी में जीवन आश्रम के पास चकराता हाईवे टूट गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। Source - Dainik Jagran |
मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी इस मानसून में कुदरत के कहर के साथ-साथ सरकारी लापरवाही का भी शिकार हो रही है। भेड़ियाना गाँव के पास हुए भीषण भूस्खलन ने एक बार फिर से लोक निर्माण विभाग (PWD) की ढीली कार्यप्रणाली को उजागर कर दिया है। जहाँ सड़क का अस्तित्व ही खत्म हो गया है, वहीं स्थानीय लोगों में विभाग के प्रति भारी गुस्सा है।
यह कोई नई कहानी नहीं
भेड़ियाना गाँव के पास जीवन आश्रम के ठीक नीचे की पहाड़ी का दरकना कोई अचानक हुई घटना नहीं है। दो साल पहले भी इसी जगह पर भूस्खलन हुआ था, लेकिन विभाग ने तब कोई सबक नहीं लिया। नतीजा? इस बार सड़क पूरी तरह से टूट गई है, यहाँ तक कि पैदल चलने का रास्ता भी नहीं बचा। स्थानीय निवासियों का सीधा आरोप है कि अगर समय रहते नालियों का निर्माण हो जाता, तो शायद ये तबाही नहीं आती।
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सड़कें बंद, राहें मुश्किल
भूस्खलन के कारण मसूरी-चकराता हाईवे पर आवागमन ठप हो गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। हालांकि, प्रशासन ने अगलाड़-थत्यूड़ मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया है, जिससे मसूरी जाने वाले वाहन कैंपटी या विकासनगर की ओर भेजे जा रहे हैं।
जिम्मेदारी किसकी?
यह बड़ा सवाल है कि जब दो साल पहले भी इसी जगह पर भूस्खलन हुआ था और मीडिया ने भी इस पर खबर छापी थी, तब लोक निर्माण विभाग ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या विभाग किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है? डिम्टा बैंड के पास भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई है।
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पहाड़ काटना और सड़कें बनाना जितना ज़रूरी है, उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है इन सड़कों को सुरक्षित बनाए रखना। सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, नहीं तो यह लापरवाही सिर्फ़ मिट्टी नहीं, बल्कि लोगों के विश्वास को भी दफन कर देगी।
