गर्मी की छुट्टियों के बाद खुले स्कूल, जर्जर भवन बने चिंता का सबब - Uttarakhand School News

Mandeep Singh Sajwan

गर्मी की छुट्टियाँ खत्म होते ही शुरू आज से खुले स्कूल, भवनों की जर्जर अवस्था बनी चिंता - Uttarakhand School News

देहरादून: उत्तराखंड में गर्मी की छुट्टियाँ खत्म होते ही राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल आज से दोबारा खुल गए हैं। हालाँकि, स्कूलों के खुलने के साथ ही इस बार एक चिंताजनक स्थिति भी सामने आई है। राज्य शिक्षा विभाग के आँकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में 942 स्कूल भवन जर्जर अवस्था में हैं, जिनकी मरम्मत और जीर्णोद्धार की तत्काल आवश्यकता है।


शिक्षा विभाग ने जारी की चेतावनी

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जर्जर भवनों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया, "कई स्कूल भवनों की छतें, दीवारें और फर्श क्षतिग्रस्त हैं। बरसात के मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है, क्योंकि कई इमारतों में पानी रिसने और दीवारों के गिरने की आशंका रहती है।" विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जर्जर भवनों की सूची बनाकर जल्द से जल्द मरम्मत का काम शुरू करें।


अभिभावकों में बढ़ी चिंता

स्कूल खुलने के साथ ही अभिभावकों में भी गहरी चिंता दिखाई दे रही है। देहरादून के एक स्कूल के अभिभावक ने कहा, "हमें डर है कि कहीं हमारे बच्चे जर्जर भवन में पढ़ते हुए असुरक्षित न हो जाएँ। सरकार को इस मामले में तुरंत कदम उठाने चाहिए।" कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से भी बच्चों की सुरक्षा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।


प्रशासन की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

राज्य शिक्षा निदेशालय ने बताया कि जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए फंड आवंटित किया जा चुका है, लेकिन काम में देरी हो रही है। निदेशालय ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी जर्जर भवनों की मरम्मत शुरू कर दी जाएगी। इस बीच, जिला प्रशासन ने भी स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।


उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इनमें नए स्कूल भवनों का निर्माण और पुराने भवनों का जीर्णोद्धार शामिल है। सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में सभी स्कूल भवनों को सुरक्षित और आधुनिक बनाया जाएगा, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।


उत्तराखंड में स्कूलों के फिर से खुलने के साथ ही, शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने होंगे। जर्जर भवनों की मरम्मत और सुरक्षा सुनिश्चित करना अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सभी हितधारकों से अपील है कि वे बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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