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केदारनाथ:मैसूर में बनी आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 25 जून को पहुंचेगी गौचर,जानिए कहां होगी स्थापित और क्या है खासियत

श्री केदारनाथ धाम में जल्द ही आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होगी। मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा कृष्णशिला पत्थर से तैयार की 12 फीट ऊंची प्रतिमा

शंकराचार्य की प्रतिमा
शंकराचार्य की प्रतिमा

 श्री केदारनाथ धाम में जल्द ही आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होगी। मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा कृष्णशिला पत्थर से तैयार की 12 फीट ऊंची प्रतिमा 25 जून को गौचर पहुंचेगी। प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया है। साल 2013 में आई दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। जिसके बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई कर बनाई गई है। समाधि के मध्य में मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा तैयार प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि सेना के बड़े हेलीकॉप्टर से 12 फीट ऊंची आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 25 जून को गोचर पहुंचेगी। श्री केदारनाथ धाम में स्थापित होने वाली प्रतिमा पर्यटकों को आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होगी।


120 टन के पत्थर से बनी 35 टन की प्रतिमा

पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला की विरासत को संजोए हुए मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने अपने पुत्र अरुण के साथ मिलकर मूर्ति का काम पूरा किया है। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया था। इस विशेष परियोजना के लिए योगीराज ने कच्चे माल के रूप में लगभग 120 टन पत्थर की खरीद की और छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन है। योगीराज ने साल 2020 के सितंबर माह से प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया था।


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प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही श्री केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से नया आकर्षित स्थल तैयार होगा। जिससे प्रदेश और चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों व कारोबारियों को आर्थिक लाभ होगा।

तीरथ सिंह रावत, सीएम उत्तराखंड


भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु आदि गुरु शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है। मात्र 32 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति प्रदान की। श्री केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से तीर्थयात्रियों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इसके लिए हम प्रधानमंत्री का विशेष आभार व्यक्त करते हैं।

सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

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