उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू: कंटेनमेंट जोन में नहीं मिलेगी ढील, 30 जून तक रहेगी सख्ती

Ankit Mamgain

उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू
उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू 

 कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए फिलहाल कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की ढील नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र जारी कर 30 जून तक कंटेनमेंट जोन में पहले की तरह सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। 



केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से जारी पत्र में राज्य सरकार को कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतने को कहा गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कंटेनमेंट जोन को लेकर 25 अप्रैल को दिशानिर्देश जारी किए गए थे।



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जिन्हें सख्ती से लागू करने से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दक्षिण और उत्तर पूर्वी कुछ क्षेत्रों को छोड़ कर कोरोना के नए मरीजों और सक्रिय मामलों में कमी आई है। 


वर्तमान में भले ही कोरोना संक्रमित मामले कम हो रहे हैं लेकिन सक्रिय मामले अधिक हैं। जिससे कोरोना रोकथाम के उपायों का अनुपालन 30 जून तक जारी रखें। कंटेनमेंट जोन में पहले की तरह जिला प्रशासन के माध्यम से सख्ती बरती जाए। जिससे संक्रमण को कम किया जा सके। जिला प्रशासन स्थानीय स्थिति को देख कर कोरोना संक्रमण रोकने के उपायों को लागू करनेे के आदेश जारी कर सकते हैं। 

एक जून के बाद कोविड कर्फ्यू हटाने पर विचार कर सकती है सरकार 

पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने दावा किया है कि प्रदेश में कोविड कर्फ्यू के चलते कोरोना का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। इससे कोरोना की चेन लगभग टूट चुकी है। प्रदेश सरकार एक जून के बाद लॉकडाउन हटाने पर विचार कर सकती है। चुफाल बृहस्पतिवार को काशीपुर में एलडी भट्ट के कोविड वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। 


चुफाल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके सिन्हा, कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह और एसडीएम गौरव कुमार के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने टीकाकरण, ओपीडी और निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट के बारे में जानकारी ली। डॉ. सिन्हा ने बताया कि क्षेत्र में कोविड मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीकाकरण के लिए 11 केंद्र बनाए हैं लेकिन टीके उपलब्ध न होने से सभी केंद्रों पर टीकाकरण नहीं किया जा रहा है। डीआरडीओ की ओर से निर्मित ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। अस्पताल में ओपीडी नियमित रूप से चल रही है। 


डॉ. अमरजीत ने बताया कि नगर के कोविड अस्पतालों में 270 बेड और 27 वेंटिलेटर हैं। सभी में करीब 30 से 40 प्रतिशत बेड खाली पड़े हैं। एलडी भट्ट के कोविड वार्ड में भी 20 में से सात बेड खाली हैं। अस्पताल के पास मौजूद चार वेंटिलेटर में से तीन खराब हैं। बृहस्पतिवार तक वेंटिलेटर टीक होने की उम्मीद हैं। पत्रकारों से वार्ता करते हुए चुफाल ने कहा कि प्रदेश की जनता के सहयोग से कोरोना को हराने के लिए कोविड कर्फ्यू का प्रयोग सफल रहा है। कोविड की चेन टूट रही है। कैबिनेट की बैठक में सरकार एक जून से कोविड कर्फ्यू को पूरा या आंशिक रूप से हटाने पर विचार कर सकती है।

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