केंद्रीय बजट में मायूसी के बाद 15वें वित्त आयोग की 'संजीवनी': उत्तराखंड को मिलेंगे करीब 90,000 करोड़ रुपये!

केंद्रीय बजट में मायूसी के बाद 15वें वित्त आयोग की 'संजीवनी': उत्तराखंड को मिलेंगे करीब 90,000 करोड़ रुपये!

देहरादून – हालिया केंद्रीय बजट में ग्रीन बोनस न मिलने से उत्तराखंड में छाई मायूसी अब खुशी में बदल गई है। 15वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है, जिसके तहत अगले पाँच सालों में उत्तराखंड को विभिन्न मदों में 42,611 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा 28,147 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्य को 47,234 करोड़ रुपये अलग से प्राप्त होंगे। इस प्रकार, 15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के लिए कुल 89,845 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड-तोड़ राशि की सिफारिश की है।



14वें वित्त आयोग की 'नाइंसाफी' की भरपाई

पंचम राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष, इंदु कुमार पांडेय के अनुसार, 14वें वित्त आयोग द्वारा राजस्व घाटा अनुदान न दिए जाने से उत्तराखंड के साथ हुई नाइंसाफी की भरपाई 15वें वित्त आयोग ने कर दी है। आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में उत्तराखंड को राजस्व घाटा अनुदान देने पर सहमति जताई थी, और अब संसद में पेश की गई अंतिम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई है। यह राशि करीब 42,614 करोड़ रुपये होगी, जो राज्य के आर्थिक विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी।



राजस्व घाटा अनुदान का बड़ा फायदा: मनचाही खर्च की आजादी

राजस्व घाटा अनुदान का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि राज्य सरकार इस धनराशि का उपयोग अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार कर सकती है। अगले पांच सालों तक उत्तराखंड को सालाना करीब सात हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। मौजूदा समय में राज्य सरकार का प्लान बजट लगभग 11 हजार करोड़ रुपये है। यह अतिरिक्त राशि स्थानीय निकायों के विकास, आपदा प्रबंधन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), स्वास्थ्य, सांख्यिकीय कार्य, न्याय व्यवस्था में सुधार, उच्च शिक्षा, कृषि क्षेत्र में नवाचार और अन्य विशेष आवश्यकताओं पर खर्च की जा सकेगी।

किस मद में कितनी धनराशि: एक विस्तृत ब्यौरा

15वें वित्त आयोग ने विभिन्न सेक्टरों के लिए अलग-अलग धनराशि की सिफारिश की है:

मदधनराशि (करोड़ में)
राजस्व घाटा अनुदान28,147
स्थानीय निकाय4,181
स्वास्थ्य728
सांख्यिकी25
न्याय70
उच्च शिक्षा83
आपदा5,178
राज्य के लिए खास1,600
पीएमजीएसवाई2,322
कृषि में सुधार277

जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं को भी मिला सहारा

राज्य को विशेष अनुदान के तौर पर केंद्र सरकार ने जमरानी बांध परियोजना और सौंग बांध परियोजना के लिए भी महत्वपूर्ण धनराशि का प्रावधान किया है। जमरानी बांध परियोजना के लिए 950 करोड़ रुपये और सौंग बांध परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड सरकार को मिलेगी। ये परियोजनाएं राज्य में जल संसाधन प्रबंधन और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं।



पौड़ी और नैनीताल का विशेष ख्याल

आयोग ने उत्तराखंड के दो प्रमुख पर्वतीय शहरों, पौड़ी और नैनीताल का भी विशेष ध्यान रखा है। राज्य के लिए खास मद के तहत इन शहरों में सीवर लाइन और स्वच्छता कार्यों के लिए 50 करोड़ रुपये के अनुदान की सिफारिश की गई है। यह कदम इन शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।



वनों को मिला 'वेटेज', भले ही ग्रीन बोनस नहीं

हालांकि उत्तराखंड को ग्रीन बोनस नहीं मिला है, लेकिन 15वें वित्त आयोग ने राज्य के वनों के महत्व को स्वीकार किया है। आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में राज्य के वनों के लिए 7.50 प्रतिशत अनुदान का अधिमान (वेटेज) रखा था। यह अधिमान केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के तौर पर तय 47,234 करोड़ रुपये में परिलक्षित होता है। यह वनों के संरक्षण में राज्य के प्रयासों को एक तरह की सराहना है।



मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जताया आभार

उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, और 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह सहित आयोग के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि इस भारी-भरकम राशि से उत्तराखंड में विकास कार्यों को संचालित करने में काफी मदद मिलेगी, और आयोग ने राज्य के पक्ष को समझते हुए यह अहम सिफारिश दी है।


यह ऐतिहासिक आवंटन उत्तराखंड के लिए एक नए विकास पथ की शुरुआत का प्रतीक है, जो राज्य को आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर ले जाने में सहायक होगा।

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