उत्तराखंड में आम जनता पर महंगाई का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। रोडवेज बसों के किराए में 10 से 15 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब सिटी बसों का किराया भी बढ़ने वाला है। इस संबंध में आरटीओ ने सिटी बस यूनियन के प्रस्ताव को परिवहन मुख्यालय भेज दिया है, जहाँ से हरी झंडी मिलते ही नई दरें लागू हो जाएंगी।
टोल और डीजल मूल्य वृद्धि का असर
परिवहन निगम ने टोल प्लाजा और हाल ही में हुई डीजल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कई रूट्स पर रोडवेज बसों का किराया बढ़ा दिया है। इस बढ़ोतरी से कई मार्गों पर किराए में 10 से 15 रुपये का इजाफा हुआ है।
वहीं, सिटी बस संचालकों ने भी किराए में बढ़ोतरी न होने पर बसों का संचालन बंद करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद, आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने उनके ज्ञापन और प्रस्ताव को परिवहन मुख्यालय भेज दिया है। माना जा रहा है कि बस संचालन के बढ़ते खर्च को देखते हुए मुख्यालय स्तर पर होने वाली एसटीए की बैठक में किराए पर फैसला लिया जाएगा, और बढ़ोतरी तय है।
रोडवेज के बढ़े हुए किराए एक नज़र में
- देहरादून से ऋषिकेश: किराया 65 रुपये से बढ़कर 70 रुपये हुआ।
- देहरादून से हरिद्वार: किराया 85 रुपये से बढ़कर 95 रुपये हुआ।
- देहरादून से कोटद्वार: किराया 195 रुपये से बढ़कर 205 रुपये हुआ।
गढ़वाल के टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के हल्द्वानी, टनकपुर, लोहाघाट, बागेश्वर, द्वाराहाट की बसों का किराया भी लगभग 15 रुपये तक बढ़ा है, हालाँकि यह अभी तक मशीनों में अपडेट नहीं हो पाया है।
सहारनपुर रूट पर किराया घटाया गया
एक विशेष मामले में, रोडवेज ने कुछ दिन पहले देहरादून से सहारनपुर का किराया बढ़ाया था, जिससे यह यूपी रोडवेज की बसों से ज्यादा हो गया था। इसका रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ रहा था क्योंकि यात्रियों की संख्या घटने लगी थी। इसे देखते हुए, रोडवेज ने देहरादून से सहारनपुर का किराया 105 रुपये से घटाकर वापस 95 रुपये कर दिया है।
क्या आपको लगता है कि यह किराया वृद्धि आवश्यक है या इससे आम जनता पर अनुचित बोझ पड़ेगा?