City & StatesDehradunUttarakhand

उत्तराखंड में कोरोना: दो हजार से कम हुए संक्रमित मामले, 52 मरीजों की मौत, सात हजार से ज्यादा हुए ठीक

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
coronavirus test 1620039942%2B%25281%2529
कोरोना वायरस की जांच (प्रतीकात्मक तस्वीर) – फोटो : Pixabay

 उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 52 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई और 1942 मरीज मिले हैं। वहीं, 7028 मरीजों को ठीक होने बाद डिस्चार्ज किया गया। कुल संक्रमितों की संख्या 325425 हो गई है। 

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शुक्रवार को 35653 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून जिले में 421 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 295, नैनीताल में 204, ऊधमसिंह नगर में 167, टिहरी में 154, अल्मोड़ा में 132, चमोली में 103, पौड़ी में 93, बागेश्वर में 92, पिथौरागढ़ में 78, रुद्रप्रयाग में 77, उत्तरकाशी में 75, चंपावत जिले में 51 संक्रमित मामले सामने आए हैं। 

अब तक प्रदेश में 6251 मौतें हो चुकी है। इसके साथ ही देहरादून, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले में पूर्व में हुई आठ मरीजों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट भी मिली है। वहीं, अब तक 279516 मरीज कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं। संक्रमितों की तुलना में ज्यादा मरीज स्वस्थ होने से रिकवरी दर बढ़ रही है और सक्रिय मामले कम हो रहे हैं। वर्तमान में रिकवरी दर 85.89 प्रतिशत दर्ज की गई है। जबकि 33994 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।

पुरोहितवाला पहुंची जांच टीम, 150 लोगों के सैंपल लिए

देहरादून शहर से सटे गांव पुरोहितवाला में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम पहुंची और ग्रामीणों के सैंपल लिए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में लगाए गए कैंप में 150 ग्रामीणों ने कोरोना जांच कराई, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।  

ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में छह मौतों के बाद भी जांच टीम नहीं पहुंची। इस पर बीते बृहस्पतिवार को अमर उजाला ने पुरोहितवाला में छह मौतों के बाद भी नहीं पहुंची जांच टीम शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसका संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई।

गांव की प्रधान मीनू क्षेत्री ने कहा कि सभी ग्रामीणों की कोरोना जांच निगेटिव आने से गांववासियों को सकारात्मक ऊर्जा मिली है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए ग्रामीणों की कोरोना जांच कराई गई। कहा कि व्यक्तिगत प्रयासों से गांव को दो बार सैनिटाइज किया गया। कोरोना संक्रमितों को सुरक्षा किट भी उपलब्ध कराई गई। 

ग्रामीणों को कोरोना से बचाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। कहा कि बुजुर्ग ग्रामीणों के लिए गांव में टीकाकरण की व्यवस्था करने के लिए भी प्रशासन से मांग की जाएगी। गांव में लगाए गए जांच कैंप के लिए प्रधान मीनू क्षेत्री ने स्वास्थ्य विभाग का आभार जताया।

टीकाकरण में दूसरे राज्यों की रणनीति को अपनाए उत्तराखंड

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड टीकाकरण को लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने सरकार को 10 सुझाव दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर टीकाकरण में दूसरे राज्यों की सर्वोच्च रणनीति को उत्तराखंड में अपनाने का आग्रह किया है। नौटियाल का कहना है कि वर्तमान में टीकाकरण की जो स्थिति है, उसके आधार पर 2022 के अंत तक प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी को ही टीके लग सकेंगे। 

सरकार को भेजे पत्र में नौटियाल ने कहा कि प्रदेश में 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकरण का कार्य शुरू हुआ था। तब से लेकर 27 मई 2021 तक राज्य में लोगों को 35,36,840 डोज वैक्सीन दी जा चुकी हैं। 21,72,760 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि 6,82,040 लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई। प्रदेश की सवा करोड़ आबादी है। इसी तरह राज्य मे 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की अनुमानित आबादी 50 लाख से अधिक है।

जिससे एक करोड़ वैक्सीन की जरूरी होगी। हार्ड इम्यूनिटी के लिए प्रदेश की कुल आबादी के कम से कम 70 प्रतिशत को वैक्सीन की दोनों डोज दिया जाना आवश्यक है। अब तक सामने आए नतीजों के आधार पर कहा जा सकता है कि उत्तराखंड की 70 प्रतिशत आबादी को संपूर्ण टीकाकरण करने में 16 से 18 महीने और लगेंगे। यानी कि यह टीकाकरण की वर्तमान प्रगति बनी रहती है तो हमारी 70 प्रतिशत आबादी को अगले वर्ष यानी 2022 के अंत तक टीकाकरण किया जा सकेगा।

उन्होंने सुझाव दिया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हर हाल में वैक्सीन की पहली डोज दी जाए। इसके साथ ही उन लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जो उम्र के और स्वास्थ्य की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएं।

Source

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Adblock Detected

Attention: You're Using an Ad Blocker We've noticed that you are using an ad blocker while visiting TheIndianHawk.com. At TheIndianHawk, we rely on advertising revenue to keep providing you with high-quality content, insightful articles, and the latest updates from various domains. By using an ad blocker, you might miss out on essential information, offers, and engaging content. Why Disable Your Ad Blocker? Support Independent Journalism: By allowing ads, you directly support independent journalism and help us maintain our commitment to unbiased reporting and factual news. Free Access to Content: Disabling your ad blocker ensures you continue to access our website for free. Ads help us keep our content accessible to all readers. Innovative Projects: Revenue from ads contributes to our efforts to create innovative projects and features that benefit our community.