ब्रेकिंग न्यूज़: देहरादून – उत्तराखंड में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अध्याय, उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 2021, कोविड-19 की गंभीर चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक संपन्न हुई थीं। भले ही आज हम 2025 में हैं, लेकिन उस दौर में शिक्षा विभाग और छात्रों के अथक प्रयासों की यह कहानी आज भी प्रेरणा देती है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने उस समय परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया था कि किस प्रकार महामारी के बावजूद शिक्षा को थमने नहीं दिया गया।
परीक्षा कार्यक्रम: कोविड प्रोटोकॉल के साथ सफल आयोजन
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर (नैनीताल) द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 4 मई 2021 से 22 मई 2021 तक आयोजित की गई थीं। यह वह समय था जब देश कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा था, लेकिन शिक्षा मंत्री पांडेय के नेतृत्व में विभाग ने ऑनलाइन, दूरसंचार, रेडियो और दूरदर्शन जैसे विभिन्न माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई जारी रखी थी।
परीक्षाएं दो पालियों में संपन्न हुईं: हाईस्कूल की परीक्षा सुबह आठ बजे से 11 बजे तक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं दोपहर बाद दो बजे से शाम पांच बजे तक। यह व्यवस्था छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई थी।
प्रयोगात्मक परीक्षाएं और मूल्यांकन प्रक्रिया: एक जटिल कार्य
लिखित परीक्षाओं से पहले, तीन अप्रैल 2021 से 25 अप्रैल 2021 तक इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाएं, हाईस्कूल प्रयोगात्मक परीक्षाएं और आंतरिक मूल्यांकन परीक्षाएं भी सफलतापूर्वक आयोजित की गई थीं। इसके बाद, 23 मई से 29 मई 2021 तक लिखित उत्तर पुस्तिकाओं को उप संकलन केंद्रों से मुख्य संकलन केंद्र में जमा किया गया।
तत्पश्चात, 13 मुख्य संकलन केंद्रों से 30 मूल्यांकन केंद्रों को उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल भेजे गए थे, और 1 जून से 15 जून 2021 तक, यानी पूरे 15 दिनों तक, उत्तर पुस्तिकाओं का गहन मूल्यांकन कार्य किया गया। यह एक विशाल logistical चुनौती थी, जिसे उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए बखूबी संभाला गया।
परिणाम की घोषणा: छात्रों के भविष्य की आधारशिला
मूल्यांकन कार्य समाप्त होने के बाद, 16 जून से 15 जुलाई 2021 तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम की तैयारी और उनकी घोषणा का महत्वपूर्ण चरण था। यह वह अवधि थी जब लाखों छात्रों के भविष्य का निर्धारण होना था। उस समय, सचिव उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर (नैनीताल) डॉ. नीता तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी ऊधमसिंह नगर रमेश चन्द्र आर्या समेत अन्य शिक्षा अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल थे।
परीक्षा में छात्रों की भागीदारी: लाखों का भविष्य दांव पर
वर्ष 2021 में, हाईस्कूल में कुल 1,48,355 छात्र-छात्राएं (संस्थागत-1,45,691, व्यक्तिगत-2,664) और इंटरमीडिएट में कुल 1,22,184 छात्र-छात्राएं (संस्थागत-1,18,135, व्यक्तिगत-4,049) शामिल हुए थे। इन परीक्षाओं के लिए कुल 1347 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जो एक विशाल नेटवर्क था।
कोविड-19 के उस मुश्किल दौर में, उत्तराखंड बोर्ड ने जिस तरह से परीक्षाएं आयोजित कीं और समय पर परिणाम घोषित किए, वह शिक्षा के प्रति राज्य सरकार और शिक्षकों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण था। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा का पहिया चलता रहा, और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित किया गया।